After a lot of English poems, here comes my first attempt at Hindi poetry.. Beware !!
मुझे ना जाने क्यों ऐसा लगता है..
की ख़ुशी की "density" गम से ज्यादा है ॥
गम को जितना भी ख़ुशी में दफन करों..
कम्बक्त हर बार उभर आता है..
कम्बक्त हर बार उभर आता है॥
वैधानिक चेतावनी :- अर्थ हीन कवितायेँ सुनना स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है॥
1 comment:
sahi hai ... lage raho...
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